कबीर साहेब जी ने ही अपने द्वारा रची सृष्टि की सही स्थिति का ज्ञान कराया है। आज तक नकली धर्मगुरु ब्रह्मा, विष्णु, महेश के माता पिता तथा शेरावाली दुर्गा जी के पति के बारे में नहीं बता पाए।
परमेश्वर कबीर जी ने बताया कि
"माँ अष्टंगी पिता निरंजन, वे जम दारुण वंशन अंजन।"
ब्रह्मा, विष्णु, महेश की माता दुर्गा और पिता ज्योति निरंजन अर्थात काल है।
#कबीरसाहेबजी_का_अद्भुत_ज्ञान
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कबीर साहेब ने ही सर्वप्रथम बताया कि सद्भक्ति से पापकर्म नाश होते हैं। जबकि नकली धर्मगुरु आज तक यही बताते आये हैं कि पापकर्म भोगने ही पड़ते है।
कबीर, जबहि सत्यनाम हृदय धरयो, भयो पाप को नाश।
मानो चिंगारी अग्नि की, पड़ी पुराने घास।।
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